by अमृता प्रिया | नवम्बर 3, 2022
(3 नवंबर, 2022) 1986 में, रिजवान अदतिया अवसरों की तलाश में गुजरात के पोरबंदर से कांगो चले गए। वह सिर्फ 16 साल का था और उसने वहां काम करने वाले अपने बड़े भाई के आश्वासन पर यह कदम उठाया कि वह अपना जीवन यापन कर सकेगा। रिजवान जिन्होंने अभी...
by चारु ठाकुर | 10 मई 2022
(10 मई, 2022) नवप्रवर्तन, विघटनकारी सोच और सकारात्मक बदलाव की आवश्यकता से प्रेरित, भारतीय डायस्पोरा के परोपकारी लोगों ने भारत और पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और वंचित समुदायों की आजीविका पर एक शक्तिशाली प्रभाव डाला है।