by चारु ठाकुर | दिसम्बर 29, 2022
(29 दिसंबर, 2022) 'मैं पहले जैसी नहीं हूं, दुनिया के दूसरी तरफ चांद को चमकते देखा है', मैरी ऐनी रेडमाकर के ये शब्द वैश्विक भारतीय खोजकर्ताओं के साथ प्रतिध्वनित होते हैं जिन्होंने ऐसी यात्राएं कीं जिन्होंने उनके जीवन की दिशा बदल दी . पर्दे के रूप में...
by चारु ठाकुर | अगस्त 28, 2022
(28 अगस्त, 2022) 1975 की कड़ाके की सर्दी में पीके महानंदिया ने देखा कि एक महिला पर्यटक दिल्ली के चहल-पहल वाले सीपी के अंदरूनी घेरे में उनके पास आ रही है और उनसे उनका चित्र बनाने के लिए कह रही है। भारतीय कलाकार, जिसने तब तक स्केच के रूप में काफी ख्याति अर्जित कर ली थी...