by वैश्विक भारतीय | अगस्त 6, 2021
“70 मिनट हैं तुम्हारे पास। जाओ जाकर जी भर कर खेलो। आने वाली जिंदगी में कुछ सही हो या न हो, ये 70 मिनट तुमसे कोई नहीं छीन सकता है।" (आपके पास 70 मिनट हैं, अपना सर्वश्रेष्ठ खेलिए। इसके बाद अगर जीवन में कुछ भी सही न हो तो भी कोई नहीं ले सकता...
by वैश्विक भारतीय | जून 23, 2021
जब मिल्खा सिंह ने 1960 के रोम ओलंपिक में भाग लिया, तो वह एक मूंछ से पदक जीतने से चूक गए। यह पछतावा जीवन भर उनके साथ रहा। इक्का-दुक्का धावक को उम्मीद थी कि एक दिन एक भारतीय ओलंपिक पदक अपने घर लाएगा। जबकि हम अभी तक नहीं टूटे हैं ...