कोलकाता की फोटोग्राफर फरहाना आफरीन का कहना है कि तस्वीर क्लिक करते समय हमेशा पूरे फ्रेम के बारे में सोचना चाहिए, न कि सिर्फ खाने के बारे में।
मुंबई स्थित फोटोग्राफर आलोक वर्मा का कहना है कि भोजन चित्रों में गति एक नाटकीय तत्व जोड़ती है।
फ़ूड फ़ोटोग्राफ़र रिज़ा घोषाल का कहना है कि स्वयं को फ़्रेम में जोड़ने से दर्शकों से जुड़ने में मदद मिलेगी। वह आगे कहती हैं कि स्क्रीन पर आपकी उंगली या हाथ कोई मायने नहीं रखता।